Question - कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ क्यों कहा है?
Answer -
कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ इसलिए कहा है क्योंकि उसकी शोभा अनुराग है। खेतों में दूर-दूर तक मखमली हरियाली फैली हुई है। उस पर सूरज की धूप चमक रही है। इस शोभा के कारण पूरी वसुधा प्रसन्न दिखाई देती है। इसके कारण गेहूँ, जौ, अरहर, सनई, सरसों की फसलें उग आई हैं। तरह-तरह के फूलों पर रंगीन तितलियाँ मँडरा रही हैं। आम, बेर, आड़, अनार आदि मीठे फल पैदा होने लगे हैं। आलू, गोभी, बैंगन, मूली, पालक, धनिया, लौकी, सेम, टमाटर, मिर्च आदि खूब फल-फूल रहे हैं। गंगा के किनारे तरबूजों की खेती फैलने लगी है। पक्षी आनंद विहार कर रहे हैं। ये सब दृश्य मनमोहक बन पड़े हैं। इसलिए गाँव सचमुच जन-मन को हरता है।